बुरे समय में क्या करे | Best Motivational learning from Sir APJ Abdul Kalam's Life (Case Study)

 

           

एक लड़का जो कभी साइकिल में अखबारें बेचा करता था एक ऐसा गरीब लड़का जिसको इंजीनियरिंग कराने के लिए उसके बहन ने अपनी सोने की चूड़ियां और चेन  तक गिरवी रख डाली क्योंकि उसके बहन को पता था कि वह कभी हार नहीं मानने वाला इस लड़के का हमेशा सपना था कि एयरफोर्स में जाए एक पायलट बने साउथ इंडिया के इस लड़के को अपने एयर नोर्टीकल  इंजीनियरिंग कंप्लीट करने के बाद दो इंटरव्यूज के लिए बुलाया गया अगर वह अपने पहले इंटरव्यू को क्लियर करेगा तो उसे एयरफोर्स में उसे उसकी ड्रीम जॉब मिल सकती हैं | अगर वह दूसरे इंटरव्यू को क्लियर कर देता है तो उसे डीटीडी एंड पी एयर यानी डायरेक्टरेट ऑफ टेक्निकल डेवलपमेंट एंड प्रोडक्शन मिनिस्ट्री ऑफ डिफेन्स में जॉब मिल सकती हैं | वह दोनों ही इंटरव्यूज देने के लिए घर से चल पड़ा उसने पहला इंटरव्यू डायरेक्टरेट ऑफ टेक्निकल डेवलपमेंट एंड प्रोडक्शन में दिया उसका वह इंटरव्यू अच्छा हुआ और वो वहां से एयरफोर्स का इंटरव्यू देने के लिए चल पड़ा |

उसका पायलट बनने का सपना टूट गया जब उसे पता चला कि 25 कैंडिडेट में से उसका रैंक 9th आया है और सिर्फ पहले 8 लोगों को ही सेलेक्ट किया जाएगा वह लड़का बहुत दुखी हो गया और रोने लगा वही ऋषिकेश में उसे एक साधु मिला जिसने उसे बोला कि उसकी किस्मत में एयरपोर्ट्स पायलट बनना नहीं था बल्कि उसकी किस्मत में कुछ और बड़ा लिखा है बस उसे मेहनत करते रेहनी है और अपने भगवान पर विश्वास रखना है मुझे उम्मीद है कि आपको पता होगा कि मैं किस लड़के के बारे में बात कर रहा हूं जी हां ये कहानी है, 

डॉक्टर एपीजे अब्दुल कलाम की जो एक पायलट बनना चाहते थे लेकिन नहीं बन पाए बल्कि वह इससे भी कहीं ज्यादा बड़े इंसान बने जिनके अंदर पूरे इंडियन एयरफोर्स, इंडियन नेवी और इंडियन आर्मी थी वो इंडिया के 11th प्रेसिडेंट बने इतना ही नहीं उन्हें 21 अवार्ड से सम्मानित किया गया था जिसमें शामिल थे पद्म भूषण, पद्म विभूषण, भारत रत्न, रामानुजन अवॉर्ड, हूवेर्स मेडल है | 

इतना ही नहीं 74 साल की उम्र में उन्हें अपने बचपन का सपना भी पूरा किया sukhoi mki 30 फाइटर प्लेन में फ्लाई करके अब हम में से कई लोग बोलेंगे हां सर हमें पता है कलाम सर के बारे में लेकिन हमारी टेंशन अलग है हमें यह प्रॉब्लम है हमें वह प्रॉब्लम है तो मैं आपको बता देता हूं कि आपको नहीं पता कि हमने 8 साल की उम्र में न्यूज़ पेपर बेचे थे… नहीं..! लेकिन अब्दुल कलाम सर ने बेचे थे क्या हमारे फादर लकड़ी के बोर्ड चलाते थे अपने घर का पेट पालने के लिए… नहीं...! लेकिन अब्दुल कलाम सर के फादर चलाते थे क्या बचपन में हमें चावल प्याज या सिगरेट बेचनी पड़ी नहीं लेकिन अब्दुल कलाम सर ने बेचीं | इन सब महान लोगों की स्टोरी से हमें एक सबसे बड़ी सीख मिलती हैं कि ये सब लोग इसी लिए सक्सेसफुल नहीं हुए क्योंकि इनके पास कोई प्रॉब्लम नहीं थी बल्कि है इसीलिए सक्सेसफुल हो गए क्योंकि इनके पास इतनी ज्यादा प्रॉब्लम थी और यह उन्हें करेज के साथ सॉल्व करते रहे और इसीलिए इतने स्ट्रांग बन गए कि लाइफ की बाकी प्रॉब्लम्स को लाइफ का हिस्सा मानने लगे अब सवाल ये आते हैं कि सच में कोई डिफिकल्ट सिचुएशन फेस करनी पड़े तो हम क्या कर सकते हैं क्या इसके लिए कोई टेक्निक्स है तो इसके लिए मैं आपके साथ कुछ टिप्स शेयर करूंगा डेल कार्नेगी की बुक 

How to stop worrying and start living से..... सबसे पहली टेक्निक कहती है की Live in day-tight compartments यह कॉन्सेप्ट कहता हैं कि हमारे साथ कल क्या हुआ था हमें याद नहीं कल क्या होगा हमें उसकी परवाह नहीं सब भाड़ में जाए बस सिर्फ हमें अपने प्रजेंट पर कंसंट्रेट करना है मिशिगन में रहने वाले विलियम बोलते हैं कि कुछ साल पहले मुझे पेट में बहुत दर्द हो रहा था मैं हर रात दो-तीन बार जागता था अपने पेट की दर्द की वजह से मैंने अपने बाप को स्टमक कैंसर से मरते हुए देखा था इसीलिए मुझे लगता था कि मुझे भी कोई स्टमक कैंसर हैं या फिर स्टमक अल्सर हैं इसीलिए मैं एक स्टमक स्पेशलिस्ट के पास गया और वहां पर उसने मेरा स्टमक का एक्सरे लिया और मुझे क्लोरोस्कोप से एक्सामिन किया उसने मेरी नींद के लिए

मुझे नींद की दवाइयां दी और मुझसे कहा कि मुझे पेट में कुछ नहीं है और मैं एकदम ठीक हूं और यह सारी दर्द मेरे इमोशंस और मेरी सोच के वजह से हैं इसीलिए मुझे रेस्ट करना चाहिए अब क्योंकि मैं एक मिनिस्टर था और रेड क्रॉस का चेयरमैन भी था इसीलिए मुझे हर हफ्ते 2-3 फुनेराल्स कराने पड़ते थे | मैं हर वक्त ही किसी ना किसी काम में बिजी रहता था और मैं एक ऐसे बुरे समय में जी रहा था जहां मुझे हर वक्त किसी ना किसी चीज की टेंशन रहती थी इसीलिए मैंने डॉक्टर की एडवाइस के कारण हर मंडे काम न करने का फैसला किया एक दिन मैं अपने घर पर अपनी बीवी को बर्तन माजते हुए देख रहा था मैंने देखा कि वह बहुत खुश थी और गाना गाते हुए बर्तन को साफ कर रही थी हमारी शादी को 18 साल हो गए थे और उसने ही हर वक्त के बर्तन साफ किए थे उस वक्त मैंने सोचा कि जिस वक्त हमारी शादी हुई थी अगर उस वक्त मेरी बीवी ने फ्यूचर में देखने की कोशिश की होती और यह सोचा होता कि उसे अगले 18 साल के तीनों वक्त के बर्तन मांजने हैं तो वह तो शायद मुझसे शादी भी नहीं करती अगर 18 साल के बर्तनों को वह एक साथ इमेजिन करती तो वो तो डर जाती और ये ख्याल तो किसी भी औरत को डरा सकता है तब मुझे समझ में आया कि मेरी बीवी को कोई भी टेंशन इसलिए नहीं है क्योंकि उसके पास जितने भी बर्तन होते हैं वह बस उन्हीं के बारे में

 

सोचती है कल कितने बर्तन धोने हैं या बीते हुए कल कितने बर्तन धोये इनके बारे में वह कभी नहीं सोचती बस वह उसी दिन पर प्रजेंट पर कंसंट्रेट करती है और उसे इंजॉय करती हैं उस वक्त से मैंने भी सोचा कि मैं सिर्फ आज के बारे में सोचूंगा और तब से मुझे कोई भी पेट दर्द नहीं है मुझे पूरी नींद भी आती है और मैं अपने हर दिन को पूरी मस्ती के साथ जीने की कोशिश करता हूं अपनी बीवी की तरह मैं भी फ्यूचर में धोने वाले बर्तनों के बारे में नहीं सोचता जो अब तक गंदे हुए ही नहीं दोस्तों

दूसरा कांसेप्ट कहता हैं कि जब हमें लगे कि अभी हमारा बहुत बुरा वक्त चल रहा है और बहुत टेंशन हो रही है तो हमें एक काम कर सकते हैं जानते हैं वह क्या है..? Do nothing यानी उस वक्त हमें कुछ भी नहीं करना है और सिर्फ रेस्ट लेना है एक बार गौतम बुध के पास उनका एक फॉलोवर आया उसने भगवान बुध से कहा कि गुरु जी मेरे मन में अजीब से ख्याल आ रहे हैं मुझे ऐसा लग रहा है कि मेरे साथ कुछ गलत होने वाला है और फिर उसकी जिंदगी में जो भी गलत हो रहा था उसने सब भगवान बुध से बोल डाला गौतम बुद्ध ने उसकी बात सुनी और हंसते हुए उस फॉलोअर्स कहा कि जाओ मेरे लिए उस पोंड से पानी ले आओ मुझे बहुत प्यास लगी है भगवान बुध की इस बात को सुनकर वह आदमी फटाफट एक घड़ा ले कर पानी लेने के लिए निकल पड़ा लेकिन जब वह उस पोंड के पास पहुंचा तो उसने देखा कि पोंड में बहुत मिट्टी है और पानी पीने लायक नहीं है इसीलिए वह व्यक्ति बिना पानी लिए ही भगवान बुध के पास आ गया और उसने कहा कि गुरु जी मैं पानी नहीं ला पाया क्योंकि वह पानी बहुत गंदा है और वह बिल्कुल आपके पीने लायक नहीं है इस पर भगवान बुध दोबारा से हसे और उनने कहा दोबारा उसी पोंड के पास जाओ और मेरे लिए पानी ले आओ दोबारा से उस आदमी ने देखा कि वहां पर पानी बहुत गंदा है और वह फिर से बिना पानी लिए ही वापस आ गया और दोबारा से भगवान बुध को सारी बात सुनाई भगवान बुद्ध ने उसे दोबारा पोंड के पास भेजा और यह चीज 8 से 10 बार होती रही लेकिन अग्यारी बार जब वह आदमी पानी लेने गया तो उसने देखा कि सारी मिट्टी उस शांत पोंड के नीचे बैठ गई है और ऊपर का पानी साफ है इसीलिए वह इस बार भगवान बुध के लिए पानी ले आया इस पर भगवान बुद्ध ने कहा देखा जिस तरह से वह मिट्टी वाला पानी शांत रहने से साफ हो गया उसी प्रकार अगर हम भी कठिन परिस्थितियों में बुरे वक्त में शांत रहें तो वह पूरा वक्त अपने आप निकल जाते हैं दोस्तों कई बार ऐसी मुश्किल सिचुएशन आती है कि हम जानते हुए भी कुछ नहीं कर सकते इसीलिए उस वक्त हमारे लिए यही सही होगा कि हम शांत रहें और उस टाइम को बस इसी तरह पास होने दे,और टाइम के साथ साथ सब ठीक हो जाएगा | बुरे वक्त में टेंशन को खत्म करने के लिए |

लास्ट टेक्निक कहती है कि 

वो करो जिससे तुम्हें सबसे ज्यादा डर लगता है फिर वो डर ही खत्म हो जाएगा Elmer Thomas बोलते हैं कि जब मैं 15 साल का था तब से मैं बहुत टेंशन लेता था और बहुत सेल्फ कॉन्शियस था क्योंकि मैं 6 फीट 2 इंच होने का बावजूद इतना पतला था कि मुझे लोग हड्डी कहकर बुलाते थे | मेरा घर हाईवे से 1 किलोमीटर दूर था और मैं हमेशा कोशिश करता था कि ज्यादा से ज्यादा समय मैं अंदर ही रहा हूं हफ्तों गुजर जाते थे और मैं अपने घरवालों के अलावा किसी से नहीं मिलता था मैं हर वक्त अपने पतलेपन के बारे में सोचता रहता था कि लोग मेरे बारे में क्या सोचेंगे मेरी मां यह सब जानती थी और वह एक स्कूल टीचर थी और उसने मुझसे कहा कि मुझे अपने दिमाग को बढ़ाना चाहिए और एजुकेशन लेनी चाहिए क्योंकि शायद मेरा शरीर ऐसा ही रहे मेरे पेरेंट्स मेरे कॉलेज की फीस तो नहीं दे सकते थे तो मैंने एक सर्दी Aposam, Skunk, Mink और Raccoon जैसे जानवर पकड़े और उन्हें स्प्रिंग मौसम में भेज दिया इस तरह मेरे पास जो कुछ पैसे जमा हुए उससे मैंने एक कॉलेज में एडमिशन ले ली | मेरी मां ने मुझे ब्राउन शर्ट दी थी ताकि वह गंदी भी हो तो किसी को पता ना चले और मेरे बाप ने मुझे पुराने जूते दिए थे वो जूते इतने खुले थे कि अगर मैं चलता भी था तो भी वो जूते मेरे पैर से निकल जाते और मेरे क्लासमेड मुझ पर हंसने लगते इस वजह से कॉलेज में भी मुझे बहुत एंबेरेसमेंट होती थी और मैं हमेशा क्लास में अकेले ही पढ़ता रहता किसी से भी बात नहीं करता लेकिन एक 2 साल के बाद चार ऐसी चीज हुई जिसने मेरा कॉन्फिडेंस बढ़ा दिया पहली चीज यह हुई कि मैंने एक एग्जाम दिया था और वह क्लियर हो गया जिसकी मदद से मैं कंट्री पब्लिक स्कूल में पढ़ा सकता था इससे पहली बार मुझे लगा कि मेरी मां के अलावा भी मुझ पर कोई भरोसा करता है दूसरी चीज यह हुई कि हैप्पी होलो नाम के एक फेमस स्कूल ने मुझे नौकरी ऑफर करी जिसमें मुझे हर महीने $40 मिल रहे रहे थे इसने भी मेरा कॉन्फिडेंस बढ़ाया और मुझे दोबारा लगा कोई मुझ पर भरोसा करता है जब मुझे पहली सैलरी का चेक मिला तो मैंने अपनी लाइफ में  पहली बार प्रॉपर फिटिंग वाले कपड़े लिए और उन कपड़ों में मैं भी और स्टूडेंट की तरह दिख रहा था और मुझे शर्म नहीं आ रही थी इस तीसरी चीज ने भी मेरा कॉन्फिडेंस बढ़ाया | मुझे हमेशा से ही पब्लिक स्पीकिंग से डर लगता था क्योंकि मैंने कभी दोस्त तक नहीं बनाए थे लेकिन मेरी मां ने मुझे कन्वेंस किया कि मैं फेयर में हो रहे पब्लिक स्पीकिंग कंटेस्ट में पार्ट लूं मुझे ना चाहते हुए भी इस कंटेस्ट में पार्ट लेना पड़ा क्योंकि मैं अपनी मां का दिल नहीं तोड़ना चाहता था इसीलिए मैंने

The Fine and Liberal Arts of America में बोलने का फैसला लिया सच बोलूं तो मुझे यह भी नहीं पता था कि लिबरल आर्ट्स होते क्या हैं लेकिन मैंने खूब मेहनत करी ताकि बाकी लोगों की तरह मैं भी अपना टॉपिक रिप्रेजेंट्स कर सकूं और मैंने इतनी बार प्रैक्टिस की कि इस टॉपिक को पेड़ के सामने बल्कि गाय के सामने भी बहुत बार बोला और जब नाम अनाउंस हुआ तो मैं हैरान था मुझे फर्स्ट प्राइज दे दिया गया था लोग मेरे लिए चिल्ला रहे थे तालियां बजा रहे थे और मेरे वही दोस्त जो मेरा मजाक उड़ाते थे कह रहे थे Elmer हमें पता था कि तू ही जीतेगा यार मेरी मां ने मुझे गले लगा दिया और जोर जोर से रोने लगी और मुझे भी रोना आ गया |आज जब मैं खुद को देखता हूं तो रिलाइज करता हूं कि अगर उस दिन पब्लिक स्पीकिंग नहीं की होती तो शायद आज यूनाइटेड स्टेट का State Senate नहीं बन पाता और सबसे मजे की बात तो यह है कि मेरे जैसे लड़के को जिसे कपड़े पहनने की बिल्कुल समझ नहीं थी उसे बेस्ट ड्रेस्ड मैन इन द यूनाइटेड स्टेट Senate का अवार्ड दिया गया इससे मैंने यही सीखा कि डर के बावजूद अगर हम काम को कर दें तो बहुत से यूज़ लेस परेशानियां खत्म हो जाती है|