आपने यह बात तो सुनी होगी कि 90 % स्टार्ट उप इंडिया में पहले 5 सालों के अंदर ही फेल हो जाते हैं और 10 साल में तो 5 से भी कम बिजनेस टिके रहते हैं तो इससे आप समझ ही सकते हो कि कितने कम ग्रेट की कंपनियां होंगी जो 100 साल बिज़नेस करने का माइलस्टोन को पूरा करती होंगी well एक रिसर्च से पता चला है कि बस 0.0 1% या उससे से भी कम बड़ी कंपनियां होती है जो 100 साल टिकी रह पाती है अब टाटा की बात करें तो टाटा कंपनी उन सुपर रास कम्पनीयों में से एक हैं जो 100 साल ही नहीं बल्कि 150 साल से आज तक टिकी हुई है और बस टिकी ही नहीं है बल्कि वह इतना अच्छा परफॉर्म कर रहे हैं कि आज टाटा ग्रुप 100 से भी ज्यादा कम्पनीयों स्कोर अपने अंडर चलाती हैं दुनिया के 100 से ज्यादा देशों में उनके प्रोडक्ट और सर्विसेज अराउंड डेढ़ सौ कंट्रीज में यूज होते हैं मैं उनके सबसे पॉपुलर कम्पनीयों के नाम लूं तो उनमें से आती हैं टाटा स्टील, टाटा स्काई, टीसीएस, टाटा मोटर्स, टाटा पावर, टाइटन, ताज होटल ग्रुप, लैक्मे एक्सस्ट्रा | मार्च 2018 के डाटा के हिसाब से उनकी 20th पबिलक लिस्टेड एंटरप्राइज का टोटल कैपिटल डेढ़ सौ बिलियन डॉलर से भी ज्यादा था जिनकी हंड्रेड बिलियन डॉलर से भी ज्यादा कि रेवेन्यू में से more than 60% इनकम इंडिया के बहार से आई थी जैसे कि इंग्लैंड और अमेरिका से | टाटा ग्रुप वर्ल्ड की 7th लार्जेस्ट प्राइवेट कंपनी है एंप्लाइज के मामले में जिसमें अराउंड 695000 से भी ज्यादा लोग काम करते हैं इतना ही नहीं टाटा ग्रुप Forbes most reputed लिस्ट में 11th पोजीशन में आ चुकी है | एक सर्वे में टाटा मोस्ट वैल्युएबल 500 कंपनी मैं 34 नंबर पर आई थी और यह सारी सक्सेस का क्रेडिट जाता है टाटा ग्रुप के लीडर्स को जमशेद जी टाटा से लेकर रतन टाटा ट्रक कई ग्रेट लीडर ने टाटा ग्रुप को मैनेज किया है कुछ खास प्रिंसिपल और रूल्स और विजडम को ध्यान में रखते हुए और इन्हीं प्रिंसिपल ने टाटा ग्रुप को आज इंडिया से लेकर पूरे वर्ल्ड के सबसे वैल्युएबल ब्रांड में से एक बना दिया है इसीलिए बहुत जरूरी है कि हम भी टाटा ग्रुप के लीडर्स, मेंटोर से उनकी नॉलेज और विजडम को सीखे जैसे कि मैं हमेशा बोलते आता हूं और उसे अपनी लाइफ में अप्लाई करें ताकि हम भी खुद सक्सेसफुल हो | वैसे तो हम टाटा ग्रुप के कई लीडर से बहुत कुछ सीख सकते हैं लेकिन आज मैं स्पेशली रतन टाटा के वो 7 बिजनेस & लाइफ लेसन बताऊंगा जिनकी हेल्प से उन्हें टाटा ग्रुप को कई ग्रेट सक्सेस दिलाई example उनकी 21 साल की लीडरशिप में उन्होंने प्रॉफिट को 50 गुना बढ़ाया और 40 गुना ज्यादा रेवेन्यू बढ़ा दिए कई जगह एक्सपेंशन किए इंडिया के बाहर और ऐसी कई चीजें हैं जो पहले बताइए वो रतन टाटा की लीडरशिप में ही हुआ था तो इसीलिए आज हम रतन टाटा को अपना मेंटर मानकर उनकी लाइफ और बुक से मिली विजडम को वो खास 7 बातें सीखेंगे |
So lets begin
No.1 TVC (TRUST, VALUES, COMMITMENT)
अगर आपको याद होगा तो 2 साल पहले 2016 में हर जगह बहुत न्यूज़ चली थी टाटा ग्रुप के बारे में कि कैसे टाटा ग्रुप ने अचानक साइरस मिस्त्री को चेयरमैन की पोजीशन से निकाल दिया | शॉक इसीलिए था क्योंकि रतन टाटा ने खुद बड़ी मेहनत कर के साल भर सर्च कर के साइरस मिस्त्री को ढूंढा था चेयरमैन की पोस्ट के लिए इस बिलीव के साथ कि वो उनकी जगहअच्छे से पूरी करेंगे इन फैक्ट सब को साइरस से काफी उम्मीदें थी इसीलिए जब साइरस को निकाला गया तो हर कोई कॉर्पोरेट वर्ड में बस इसके बारे में ही बात कर रहा था कि आखिर क्यों किया टाटा ग्रुप ने ऐसा | well कई पॉसिबल रीजन कई लोगों ने अपने हिसाब से बताएं जैसे कि example साइरस के आने के बाद कंपनी को नेगेटिव ग्रोथ देखने मिली कंपनी के debt में इनक्रीस आया उनके मैनेजमेंट का खराब तरीका एक्सस्ट्राएक्सस्ट्रा | बट जो मैन रीजन अकॉर्डिंग टू कई एक्सपर्ट था वो यह था कि साइरस, टाटा ग्रुप की वैल्यूज और कमिटमेंट से ज्यादा प्रॉफिट में ध्यान दे रहे थे example जापान की NTT DOCOMO कंपनी जब इंडिया आई थी 2009 में तब उन्होंने अराउंड 26% stake खरीदे थे टाटा ग्रुप में 13000 करोड़ रुपए में जब डील हुई थी तो टाटा ग्रुप ने उनसे वादा किया था कि जब भी DOCOMO को जाना होगा तो वो जा सकते हैं और उन्हें तब की मार्केट वैल्यू के हिसाब से पैसे दे दिए जाएंगे या एटलीस्ट उन्हैं आधा इन्वेस्टमेंट तो दे ही दिया जायेगा | अब कुछ प्रॉब्लम की वजह से जब टाटाटेलीसर्विसेज अच्छा काम नहीं कर पा रही थी तब DOCOMO ने वापस जाने का फैसला लिया और जब यह चीज हो रही थी तब साइरस मिस्त्री चेयरमैन बन चुके थे | DOCOMO ने पहले टाटा को अच्छा बायर सर्च करने को कहा बट जब वो उन्हें नहीं मिला तो उन्होंने टाटा ग्रुप को खुद उनके शेयर खरीदने को बोले जैसे डील हुई थी | पर लोग बोलते है कि तब साइरस ने आरबीआई की गाइडलाइन का यूज करते हुए उनको पैसे देने से मना किया और वह केस लड़ने लगे क्योंकि पैसे देना उनके हिसाब से अच्छा बिजनेस डिसीजन नहीं था | अब यह चीज DOCOMO को बहुत गलत लगी बिकॉज वह टाटा के नाम पर भरोसा करके उनके साथ बिजनेस कर रहे थे | बिकॉज़ सच में टाटा का नाम उनकी वैल्यूज और कमिटमेंट के लिए पूरे वर्ल्ड में फेमस है और यही चीज रतन टाटा को भी सही नहीं लगी जो फिर साइरस को निकालने का एक बड़ा रीजन भी बनी | एक इंटरव्यू में जब रतन टाटा से पूछा गया तो उसने कहा Trust उनके लिए सबसे इंपॉर्टेंट नंबर वन चीज है | एंप्लाइज, शेरहोल्डर और कस्टमर का ट्रस्ट ही कंपनी वो मैन फाउंडेशन होता है जिसके बैसे पर कोई भी बिजनेस टिका रहता है कई लोग आपको मिलेंगे जो बिजनेस करने के लिए या अपना काम निकालने के लिए कुछ भी बोल देंगे झूठ-सच फर्क नहीं पड़ता | कुछ भी कमिटमेंट दे देंगे लोगों का ट्रस्ट तोड़ देंगे बस शार्ट टर्म फायदे के लिए | बट टाटा ग्रुप और रतन टाटा ऐसे नहीं है वह समझते हैं कि लोगों का भरोसा ही सबसे बड़ी चीज होती है और यही चीज ने टाटा ग्रुप को सालो से मार्केट में सक्सेस दिलाई है इसलिए आप भी हमेशा ट्रस्ट पर ध्यान दो प्रॉफिट से ज्यादा वैल्यूज और कमिटमेंट में जा फोकस करो |
No.2 SUCCESS IN LISTENING
बहुत कम लोगों को पता है कि पहले रतन टाटा को IBM से एक बहुत अच्छा जॉब ऑफर आया था पर उन्होंने वो नहीं लिया और instant टाटा स्टील में आए और फ्लोर पर उन्होंने दूसरी नॉर्मल एंप्लाइज के साथ काम किया चूना पत्थर यहां से वहां करने से जैसे छोटे काम भी किए | एक इंटरव्यू में उन्होंने बताया कि उन्होंने अपना कैरियर स्टार्टिंग के 8 साल ऐसी ही ट्रेनिंग प्रोग्राम में बिताए | 2-3 कंपनी के shop floor पे, तब वो बोलते हैं कि उन्हैं ये तब बहुत बकवास लगता था | उन्हैं लगता था कि वो अपना टाइम वेस्ट कर रहे हैं पर आज कई सालों के बाद उन्हैं समझ आता है कि वह 8 साल वहां करी गई ट्रेनिंग वहां से सीखना ही उनकी लाइफ का सबसे बेस्ट इन्वेस्टमेंट था अपने टाइम का, रतन टाटा हमेशा बोलते हैं कि सीखना और चुनना यह दोनों चीजें आपको लाइफ में बहुत आगे लेकर जाएगी | इन फैक्ट एक ग्रेजुएशन सेरिमनी में रतन टाटा ने कुछ ऐसे स्पीच दिया बच्चों को की ज्यादातर लोगों को समझ नहीं आया की उनको ग्रेजुएशन हो रहे बच्चों को क्या बोलना चाहिए | बट मैं यही बोलूंगा कि आप लोग जस्ट बिकॉज आपके के पास डिग्री आ गई है तो यह मत सोचना कि आपकी पढ़ाई खत्म हो गई है बल्कि आपको और लाइफ में आगे बढ़ना है तो आप हमेशा पढ़ते रहना सीखते रहना सुनकर humility के साथ जो दुनिया भर के लोग जो बहुत आगे बढ़ते हैं वो हमेशा सुनकर सीखते रहते हैं |
No.3 EMOTION FOR SUCCESS
रतन टाटा की सबसे फेमस स्टोरी जो शायद आपने भी सुनी ही होगी बट पर्सनली इतना अच्छा लाइफ लेसन सिखाती हैं कि इसका रिपीट होना भी बहुत अच्छा है | जब रतन टाटा ने टाटा इंडिका कार बनाई तो वो चली नहीं मार्केट में जिससे उन्हें काफी लॉस हुआ | अब ये लॉस से बचने के लिए एक्सपर्ट और उनके पार्टनर ने कंपनी को बेच देने का सजेशन दिया जो ना चाहते हुए भी उन्हें एक्सेप्ट करना पड़ा | ये डिसीजन के साथ वह अमेरिका गए फोर्ड कंपनी को अपनी कंपनी बेचने जब वो वहां मीटिंग कर रहे थे तब फोर्ड कंपनी के मालिक ने उनकी इंसल्ट कर दी यह बोलकर कि जब आपको कार बनाना आती ही नहीं थी तो आपने कार बनाई ही क्यों और हम यह कंपनी खरीद कर आप पर एहसान कर रहे हैं | तब यह बात उन्हें जरा भी पसंद नहीं आई इसीलिए वह अपने पार्टनर के साथ चले गए डील छोड़ के, बट इस गुस्से और इंसल्ट को उन्होंने वेस्ट नहीं जाने दिया बल्कि फिर उन्होंने इस इंसल्ट को मोटिवेशन बनाया और काफी रिसर्च मेहनत करके टाटा मोटर्स को एक बहुत सक्सेसफुल पोजीशन पर पहुंचा दिया | बट बात बस यहीं पर खत्म नहीं हुई इसके बाद टाइम ऐसा आ गया फोर्ड कंपनी को काफी लॉस होने लगा जिसकी वजह से उन्हें अपने दो Brands जैगुआर और लैंड रोवर को बेचने को सोचा और जब यह बात रतन टाटा को पता चली तो उन्होंने दोनों को खरीदने का डिसीजन लिया जिसका रिजल्ट ऐसा निकला कि बाद में बिल फोर्ड ने रतन टाटा को अपने ये दोनों Brands बेच दिए यह कहते हुए कि आप इन्हें खरीद कर हम पर एहसान कर रहे हो | ये होता हैं इमोशन को यूज करने का रिवेंज लेने का तरीका ज्यादातर लोग गुस्सा होते हैं तो वह गाली देते हैं गलत काम करते हैं और अपना ही नुकसान कर लेते हैं बट रतन टाटा ने अपने गुस्से को मोटिवेशन की तरह यूज किया और उसे प्रॉफिट में कन्वर्ट किया इसीलिए आपको भी ऐसा ही होना चाहिए इमोशन से हारने के बजाय उसे यूज़ कर के जितना सीखो |
No.4 TEAMWORK
रतन टाटा बोलते हैं कि कोई भी बहुत बड़ी ग्रेड चीज बस एक अकेला इंसान achieve नहीं कर सकता बिकॉज उसके लिए एक अच्छी टीम का होना बहुत जरूरी है | आपके एंप्लॉय जो आपके साथ काम कर रहे हैं वह हर एक इंसान आपकी टीम है और यह जरूरी है कि आपकी टीम का आप ख्याल रखो now इससे रिलेटेड कुछ facts बताऊं तो टाटा वो पहली कंपनी थी जिसने बस 8 घंटे काम करने के रूल को लाया था 1912 में जिसे फिर हेनरी फोर्ड ने अपनी कंपनी में फॉलो किया | 1917 में टाटा ने अपने एडवांस सोच की वजह से एंप्लॉय को मेडिकल बेनिफिट देना स्टार्ट किया जिससे again दुनिया भर के कई कंपनियां इंस्पायरर हुई और उसे फॉलो किया | टाटा ग्रुप हमेशा से अपने टीम में नंबर और ट्रस्ट के वैल्यू करता है इसीलिए आप देखोगे कि कई लोग बोलते है कि पैसा कमाना है तो रिलायंस में इन्वेस्ट करो लेकिन अगर काम करना है तो टाटा के लिए करो तो याद रखो teamwork बहुत इंपॉर्टेंट चीज़ है सक्सेस के लिए लेकिन teamwork अच्छी तभी होगी जब आपकी टीम स्ट्रांग होगी और टीम स्ट्रांग तभी होगी जब आप अपनी टीम की वैल्यू करोगे |
No.5 BELIEVE IN YOUR DECISION
रतन टाटा के डिसीजन पे कई बार लोगों ने कई सवाल उठाए थे example जब उन्होंने कोर्ट को अपनी कंपनी नहीं भेजी जब वह लॉस खा रहे कंपनी इसको भी नहीं बेच रहे थे जब उन्होंने Tetley tea को 450 मिलियन डॉलर में खरीदा था और ऐसे ही कई बार उनके डिसीजन पर question उठे थे | लेकिन क्युकी उनको बिलीव था अपने डिसिशन में इसिलए उन्होंने वो लिया बिना दुसरो के सुने और Tata tea को वर्ल्ड का सेकंड लार्जेस्ट tea कंपनी बना दिया | अब ऐसा नहीं है कि रतन टाटा ने कभी गलत डिसीजन नहीं लिए बट इंपॉर्टेंट बात यह है जो again उन्होंने स्टूडेंट से बात करते हुए बोला था कि आपको वो काम करना चाहिए जिस पर आप बिलीव करते हो कि वो सही है कई बार लोग आपसे अलग बोलेंगे इन फैक्ट मैक्सिमम टाइम बहुत कम लोग आपका साथ देंगे लेकिन अगर आपको सच में बिलीव है कि आप जो कर रहे हैं वह सही हैं तो आपको वो करना ही चाहिए भले ये टफ़्फ़ हो हा कई बार आप गलत डिसीजन लोगे लेकिन आपको उससे भी नहीं डरना है बल्कि उससे सीख के next डिसीजन और समझदारी से लेना चाहिए |
No.6 TAKE CHANCES
रतन टाटा बोलते हैं कि हमें लाइफ में चांसेस लेने चाहिए जैसे apple, amazon, facebook, google क्रिएटर ने लिया | यह सारी कंपनियां आज दुनिया की सबसे बड़ी कंपनीज में आती हैं लेकिन इन सब ने स्टार्ट किया था अपने-अपने गैराज से इनके पीछे कोई बड़ी कंपनीज नहीं थी बहुत ज्यादा फाइनेंसियल बैकअप नहीं था फिर भी यह कंपनी आज दुनिया डोमिनेट कर रहे हैं क्यों..? क्योंकि उन्होंने चांसेस लिए हिम्मत दिखाई और अपनी आइडियाज को रियालिटी बनाने में काम किया ऐसे ही अगर आपको लाइफ में आगे जाना है तो आपको भी चांसेस लेने पड़ेंगे नॉर्मल सेव लाइफ से हटके थोड़ी डेरिंग दिखानी होगी और कुछ अलग करना होगा |
No.7 GIVE TO RECEIVE
कई लोगों को यह सवाल आते हैं दिमाग में कि जब टाटा ग्रुप इतना पैसा कमाती है जो रिलायंस से भी कई गुना ज्यादा है नंबर्स में तो हमें कभी रतन टाटा का नाम वर्ल्ड रिचेस्ट लोगों में क्यों नहीं सुनाई देता है जबकि मुकेश अंबानी का नाम हमेशा सबसे रिचेस्ट लोगो में आता है well ऐसा है बिकॉज़ टाटा ग्रुप अपनी इनकम का 65% पैसा चैरिटी में दे देती है जो पैसे जाते हैं गरीबों की एजुकेशन, मेडिसिन और रूलर डेवलपमेंट में एक इंटरव्यू में पूछने में रतन टाटा ने बोला था कि मुकेश अंबानी बिजनेसमैन है और मैं एक इंडस्ट्रियलिस्ट हमारे Goals थोड़े अलग हैं टाटा ग्रुप हमेशा से ही लोगों के बारे में ज्यादा सोचते हैं बस पैसे में फोकस नहीं करता वो सच में चाहते हैं कि हमारा देश आगे बड़े example टाटा नैनो बनाने का रीजन भी यही था कि वह चाहते थे इंडिया के लोग कम पैसे में भी कार का मजा ले सकें | इसलिए लॉस खाने के बाद भी उन्होंने उस कार को बंद नहीं किया अभी पिछली दीवाली पर ही टाटा ग्रुप ने कैंसर पेसेंट के लिए 1000 करोड़ रुपीए डोनेशन किये और ऐसे ही कई डोनेशन टाटा ग्रुप हमेशा करता रहता है रतन टाटा बोलते हैं कि अगर आप पढ़ रहे हो नॉलेज लेकर लाइफ में कुछ अच्छा कर रहे हो तो यह बहुत जरूरी है कि आप अपनी सोसाइटी को वापस कुछ दो अपनी कंट्री के लिए कुछ करो और आपको अपनी वेल्स के हिसाब से अपने आप को सक्सेसफुल नहीं समझना चाहिए बल्कि सक्सेस आपको उससे समझना चाहिए जब आप रात में सोने जाओ और आपको वह सेटिस्फेक्शन फील हो कि हां मैंने कुछ अच्छा काम किया कुछ पॉजिटिव डिफरेंस लाया दुनिया में भले ही छोटा ही सही पर डिफरेंट लाया और अच्छी बात यह है कि यह डिफरेंस हम में से हर इंसान क्रिएट कर सकता है surely आप भी |